संचारी रोग नियंत्रण अभियान को लेकर जिला टास्क फोर्स की पहली बैठक आयोजित
हीट वेव से बचाव के लिए जिलाधिकारी ने जारी किये निर्देश*
लखनऊ : कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी श्री विशाख जी0 द्वारा आगामी गर्मी के मौसम के दौरान होने वाले संक्रमण/संचारी रोगों की रोकथाम आदि के सम्बन्ध में एक महत्वपूर्ण बैठक आहूत की गई। बैठक में स्मार्ट सिटी के माध्यम से नगर निगम के जोनवार हीटमैप जनरेट किया गया है। जिसमें गत वर्ष किस जोन में कहा कहा पर कितने डेंगू के केस रिपोर्ट किए गए है इसकी जानकारी भी है। जिसके सम्बन्ध में जिलाधिकारी द्वारा नगर निगम को निर्देशित किया कि हीटमैप के अनुसार प्रत्येक जोन में पड़ने वाले तालाबों, जलाशयों, पोखरों, जल जमाव वाले क्षेत्रों की मैपिंग करते हुए वहां पर ड्रोन से एंटी लार्वा का छिड़काव किया जाये। स्वास्थ्य विभाग एवं नगर निगम प्रतिदिन स्मार्ट सिटी को किये गए कार्यों की रिपोर्टिंग करें, जिसकी 15 दिन पर समीक्षा की जाएगी।
जहां पर विगत वर्षों में ज्यादा केस रिपोर्ट हुए है वहां दिन के समय सोर्स रिडक्शन छिड़काव और शाम के समय एंटी लार्वा छिड़काव व फागिंग कराने हेतु रोस्टरवार ड्यूटी लगान सुनिश्चित किया जाए। नगर स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा बताया गया को फागिंग, एंटी लार्वा छिड़काव, सोर्स रिडक्शन छिड़काव के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध है। उक्त कार्य हेतु माइक्रोप्लान बनाते हुए कार्यवाही की जा रही है।
उक्त के बाद जिलाधिकारी द्वारा निर्देश दिए गए कि ग्रामीण क्षेत्रों में कहीं भी लोगों के संचारी रोगों से बीमार होने की सूचना प्राप्त होती है तो MOIC, खंड विकास अधिकारी और उप जिलाधिकारी द्वारा मौके पर जा कर जायज़ा लेते हुए आवश्यकता मूलभूत प्रबंध जैसे रोगियों को दवा उपलब्ध कराना, ग्राम में मेडिकल कैम्प लगवा कर लोगों का स्वास्थ्य का परीक्षण कराना, साफ सफाई आदि सुनिश्चित कराने के कार्य किया जाए।
बैठक में जिलाधिकारी द्वारा डीपीआरओ को निर्देश दिए गए कि जहाँ पर जलजमाव की सम्भावना है वहां पर साफ सफाई करवाएं। पंचायत सचिवों और सहायकों का संवेदीकरण कराना सुनिश्चित करें। खाली प्लाट जलजमाव एवं गंदगी का सबसे बड़ा स्त्रोत है वहां की साफ सफाई सुनिश्चित करें।
जिलाधिकारी ने हीट वेव से बचाव के सम्बन्ध में आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए। जिलाधिकारी द्वारा नगर निगम को निर्देश दिए कि विभिन्न प्वाइंट्स पर पेयजल की व्यवस्था और ओआरएस की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाए। जिसके सम्बन्ध में अपर नगर आयुक्त द्वारा बताया गया कि गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी नगर निगम के सभी वार्डो में कुल 116 प्वाइंट्स बनाए जा रहे है। जिसमें टेंट में कूलर, पेयजल और गुड़ की व्यवस्था होती है। जिसके सम्बन्ध में जिलाधिकारी द्वारा निर्देशित किया गया कि सभी सभी प्वाइंट्स की मैपिंग गूगल मैप पे करते हुए इनकी लोकेशन का वृहद प्रचार प्रसार कराया जाए। साथ ही सभी सरकारी कार्यालयों में साफ़ सफाई एवं पेयजल की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए।
नगर निगम एवं पशुपालन विभाग द्वारा पशुओं को गर्मी से बचाने के लिए गौशाला में शेड लगाने व उनके लिए पेय जल की व्यवस्था के निर्देश दिए। साथ ही बस अड्डों पर बैठने और पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी द्वारा बताया गया कि शहर के बड़े चौराहे/ट्रैफिक सिग्नल जहाँ पर भीड़ ज्यादा होती है वहां पर दो पहिया वाहन सवारी के लिए छाया हेतु ग्रीन मैट्स और पेयजल की व्यवस्था कराने के निर्देश निर्देश दिए गए।
सभी अस्पतालों में पंखे, कूलर, एसी, आदि चेक करवा लें। समय से पहले सभी काम पूरे किये जाएँ। अस्पतालों में ओपीडी में, सार्वजनिक स्थानों पर पेयजल और पखों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. एन.बी.सिंह ने बताया कि 10 से 30 अप्रैल तक दस्तक अभियान चलेगा | इसके तहत आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बुखार, इंफ़्लुएंजा लाइक इलनेस (आईएलआई), फाइलेरिया, काला जार, कुष्ठ रोग के लक्षण वाले व्यक्तियों और कुपोषित बच्चों का नाम, पता, मोबाइल नंबर सहित सम्पूर्ण विवरण ई–कवच पोर्टल पर अपलोड करेंगी। इसके साथ ही क्षेत्रवार घरों की सूची जहां मच्छरों का प्रजनन पाया गया है, इसका विवरण निर्धारित प्रपत्र पर भरकर संबंधित अधिकारी को उपलब्ध कराएंगी। स्वास्थ्य कार्यकर्ता माइक्रोप्लान के अनुसार कार्यक्षेत्र में आने वाले परिवारों के सभी सदस्यों का आयुष्मान भारत हेल्थ एकाउंट (आभा) सृजन भी अवश्य रूप से करेंगे और वह परिवार को आभा नंबर की उपयोगिता से अवगत कराएंगे।
संचारी रोगों से बचाव हेतु “क्या करें, क्या न करें”-
मच्छरों की ब्रीडिंग रोकने के उपाय
1.वाटर टैंक व कंटेनरों को ढक कर रखें, घर के अंदर व आसपास पानी को जमा न होने दें ।
2.अनावश्यक कन्टेनर, कबाड़, टायर व नारियल के खोल में पानी जमा न होने दें । तत्काल उसका निस्तारण सुनिश्चित करें।
3.प्रत्येक सप्ताह कूलर का पानी बदलें, कूलर आदि में ज्यादा दिनों तक पानी जमा न होने दें ।
4.बर्ड बाथ, फूलदान आदि में प्रत्येक सप्ताह पानी बदलें।
स्वयं बचाव के उपाय :-
1. सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें ।
2. दिन के समय मच्छरों के काटने से बचने के लिए पूरी बांह के कपड़े पहने बुखार आने पर चिकित्सक की सलाह पर दवा का उपयोग करें ।
क्या न करें :-
1.घर मे या घर के आस पास कूलर, बाल्टी, बैरल, फूलदान, बर्ड बाथ, फ्रीज, टायर व नारियल के खोल में पानी जमा न होने दें।
2.टूटे बर्तन, अनुपयोगी बोतल, टिन, पुराने टायर, और कबाड़ को घर मे न जमा होने दें और न ही घर के पास उन्हें फेंकें। उक्त चीजों का उचित निस्तारण सुनिश्चित कराएँ ताकि उसमे मच्छरों की ब्रीडिंग न हो पाए।
3. बुखार होने पर स्वंय से दवा न करें, चिकित्सक के परामर्श के उपरान्त ही दवा का उपयोग करें।