लखनऊ : भगवान श्री राम की महिमा डाक टिकटों के माध्यम से भी देश-दुनिया में प्रसारित हो रही है। भारत के साथ-साथ विश्व के 20 से ज्यादा देशों ने रामायण से जुड़े चरित्रों और कथानकों पर समय-समय पर डाक टिकट जारी किये हैं। यानी की डाक टिकटों पर भी राम राज्य छाया हुआ है। डाक विभाग के विभिन्न पहलुओं पर सृजनरत, पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने रामनवमी पर्व पर बताया कि अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने 18 जनवरी, 2024 को ‘श्रीराम जन्मभूमि मंदिर’ को समर्पित 6 विशेष स्मारक डाक टिकट जारी किए थे। इनमें श्री राम जन्मभूमि मंदिर के साथ भगवान गणेश, भगवन हनुमान, जटायु, केवटराज और माता शबरी पर जारी डाक टिकट शामिल हैं। सोने का वर्क से सुसज्जित और चंदन की खुशबू से सुवासित इन डाक टिकटों में सूर्यवंशी राम के प्रतीक सूर्य की छवि के साथ पुण्य नदी सरयू का चित्र भी है और ‘मंगल भवन अमंगल हारी, द्रवउ सो दसरथ अजिर बिहारी’ चौपाई के माध्यम से राष्ट्र के मंगल की कामना है। इन डाक टिकटों के मुद्रण में अयोध्या की पवित्र मिट्टी और सरयू के पवित्र जल का इस्तेमाल करते हुए इसे पंच महाभूतों के दर्शन से भी जोड़ा गया है। ये डाक टिकट विभिन्न प्रधान डाकघरों और जीपीओ स्थित फिलेटली ब्यूरो में बिक्री के लिए उपलब्ध हैं। भारतीय डाक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी, पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि इससे पूर्व भी डाक विभाग ने रामायण के सभी महत्वपूर्ण प्रसंगों को दर्शाते 11 स्मारक डाक टिकटों का सेट 22 सितंबर, 2017 को जारी किया। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने इसे तुलसी मानस मंदिर, वाराणसी में जारी किया था। इन डाक टिकटों में सीता स्वयंवर, राम वनवास, भरत मिलाप, केवट प्रसंग, जटायु संवाद, शबरी संवाद, अशोक वाटिका में हनुमान-सीता संवाद, राम सेतु निर्माण, संजीवनी ले जाते हनुमान, रावण वध व भगवान राम के राजगद्दी पर बैठने के आकर्षक दृश्य समाहित हैं। इन डाक टिकटों पर देखकर ऐसा एहसास होता है मानो पूरा रामराज ही डाक टिकटों पर उतर आया हो। श्री राम जन्मभूमि मंदिर, अयोध्या के भूमि पूजन एवं शिलान्यास कार्यक्रम को अविस्मरणीय बनाने के लिए भी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने 5 अगस्त, 2020 को अयोध्या में ‘श्री राम जन्मभूमि मंदिर के प्रतिरूप’ पर आधारित कस्टमाइज्ड डाक टिकट जारी किया था ।पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि डाक विभाग लोगों को अपनी विरासत और संस्कृति से जोड़ने के लिए तमाम डाक टिकटें जारी करता है। इसी क्रम में ‘श्रीराम जन्मभूमि मंदिर’ से लेकर रामायण के विभिन्न प्रसंगों से जुड़े तमाम डाक टिकटों को भी समाहित किया गया है, ताकि युवा पीढ़ी डाक टिकटों के माध्यम से अपनी संस्कृति से अवगत हो सके। ये डाक टिकट पत्रों पर लगकर विदेशों में भी जायेंगे, जहाँ रामायण की गाथा को लोगों तक फैलाएंगे।

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