लखनऊ, – भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय में “वैश्विक स्तर पर भारतीय संगीत का शिक्षण एवं प्रदर्शन: प्रचार-प्रसार एवं चुनौतियाँ” विषय पर दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया। यह वेबिनार विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. मांडवी सिंह जी के मार्गदर्शन एवं गायन विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. सृष्टि माथुर के संयोजन में संपन्न हुआ।

कार्यक्रम का शुभारंभ कुलपति महोदया के स्वागत भाषण से हुआ, जिसके पश्चात सुप्रसिद्ध संगीतज्ञ पं. साहित्य कुमार नाहर ने मुख्य वक्ता के रूप में अपने विचार प्रस्तुत किए। इस अवसर पर प्रो. मधु भट्ट तैलंग, श्री रैमो स्कैनो, प्रो. स्वतंत्र शर्मा और प्रो. राजेश केलकर जैसे प्रतिष्ठित संगीत विशेषज्ञों ने वेबिनार में सहभागिता की और अपने अनुभव साझा किए।

प्रो. मधु भट्ट तैलंग ने भारतीय संगीत की परंपरागत शिक्षण पद्धति पर जोर देते हुए विद्यार्थियों में आध्यात्मिक और पारंपरिक मूल्यों को विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया। वहीं, श्री रैमो स्कैनो जी ने भारतीय संगीत के वैश्विक प्रचार-प्रसार में गुरु-शिष्य परंपरा की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया। अन्य विशेषज्ञों ने भी वर्तमान समय में भारतीय संगीत के उत्थान में शिक्षकों एवं विद्यार्थियों की भूमिका पर अपने विचार व्यक्त किए।

 

वेबिनार के प्रथम सत्र की अध्यक्षता प्रो. स्वतंत्र शर्मा और द्वितीय सत्र की अध्यक्षता प्रो. सृष्टि माथुर ने की। कार्यक्रम का संचालन सुश्री कृतिका मिश्रा ( अतिथि शिक्षिका,गायन)एवं पीएच.डी. गायन के शोधार्थियों द्वारा किया गया।

 

भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय इस प्रकार के आयोजन के माध्यम से भारतीय संगीत को वैश्विक मंच पर प्रभावी रूप से प्रस्तुत करने हेतु प्रतिबद्ध है। यह वेबिनार भारतीय संगीत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रिय बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल साबित हुआ।

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