झाँसी मऊरानीपुर तहसील में संपूर्ण समाधान दिवस पर स्यावनी निवासी सुनीता पत्नी शिशुपाल के साथ मऊरानीपुर एसडीएम अजय कुमार को प्रार्थना पत्र देकर बताया है कि साहब मेरी जमीन हाईवे पर है जिस पर गांव के दबंग परिवार द्धारा मकान का निर्माण कर रहे हैं।उक्त जमीन मेरे नंबर में है जिसकी शिकायत मेने कई बार अधिकारियों से की और अधिकारियों द्धारा मौके पर पहुंचकर जांच भी की गई उक्त मकान मेरी जमीन में निकली फिर भी उक्त दबंगो द्धारा मेरी हर बार झूठी शिकायत कर मेरे बच्चों वा मुझ पर अनावश्यक दबाव बनाया जा रहा है।मेरे लड़के दबंगो से भयभीत होकर जी रहे है।
साहब मेरे बच्चों को दबंगो द्धारा जान से मारने की धमकी दी जा।रही है
साहब आपसे बिनती है कि मेरी जमीन की नाप कराकर मुझे न्याय दिलाने की कृपा करे।
दरअसल मऊरानीपुर का यह मामला कोई पहला मामला नहीं है इससे पहले भी कई मामले हो चुके हैं। किसने की जमीन कब्जा करना और फिर पुलिस के माध्यम से उन पर दबाव बनाना आम घटना बनती जा रही है। सालों गुजर जाते हैं किस को न्याय नहीं मिलता है जिसके चलते कई किसान तो आत्महत्या करने में मजबूर हो जाते हैं। तहसील समाधान दिवस हर जिले में लगता है इसकी आवश्यकता क्यों पड़ रही है। तहसील समाधान दिवस में आई शिकायतों पर यदि अधिकारी ठीक तरीके से संज्ञान मिलने तो मामले कम हो सकते हैं। सबसे पहले की यह मामला तहसील दिवस तक क्यों पहुंचा क्या यह सच में इतना बड़ा मामला है कि इस मामले को तहसील दिवस की आवश्यकता है। थाने स्तर से जो मामले नहीं सॉल्व हो पा रहे हैं उसके पीछे क्या कारण है। आगर तहसील दिवस में आई शिकायत पर अधिकारियों और पुलिस वालों पर कार्यवाही करना शुरू कर दे तो यकीन मानिए शिकायतों की संख्या कम हो जाएगी।