- लखनऊ विकास प्राधिकरण की अध्यक्ष/मण्डलायुक्त डॉ0 रोशन जैकब के समक्ष किया गया परियोजना का प्रेजेन्टेशन
- लगभग 02 करोड़ रूपये की लागत से होगा म्यूजियम का निर्माण, प्रिन्टिंग मशीन, पुराने रिकॉर्ड्स, परिधान समेत अन्य विन्टेज वस्तुएं सहेजी जाएंगी
कैसरबाग स्थित अमीरूद्दौला लाइब्रेरी ज्ञानवर्द्धक किताबों के साथ ऐतिहासिक विरासत को भी सहेजेगी। लाइब्रेरी में देश के सुप्रसिद्ध प्रकाशक मुंशी नवल किशोर के नाम से म्यूजियम बनाया जाएगा। लखनऊ विकास प्राधिकरण ने इस परियोजना का खाका तैयार किया है। प्राधिकरण की अध्यक्ष/मण्डलायुक्त डॉ0 रोशन जैकब के समक्ष गुरूवार को परियोजना का प्रेजेन्टेशन दिया गया।

एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने बताया कि मुंशी नवल किशोर ने वर्ष 1858 में प्रिन्टिंग प्रेस की स्थापना की थी। उन्होंने अपने जीवन काल में हिंदी, अरबी, बंगाली, उर्दू, मराठी, पंजाबी, अंग्रेजी व संस्कृत आदि भाषाओं में 5 हजार से अधिक पुस्तकों का प्रकाशन किया। उपाध्यक्ष ने बताया कि प्राधिकरण उनके नाम पर अमीरूद्दौला लाइब्रेरी के एक हिस्से में नवल किशोर म्यूजियम बनवाएगा, जिसकी कार्ययोजना तैयार कर ली गयी है।

परियोजना को लगभग 02 करोड़ रूपये की लागत से बनवाया जाएगा। म्यूजियम में स्कल्पचर्स, पुरानी प्रिन्टिंग मशीनें, पुराने रिकॉर्ड्स, परिधान समेत अन्य विन्टेज वस्तुएं सहेजी जाएंगी। इसके अलावा वहां साउंड स्केपिंग का भी काम किया जाएगा, जिससे आगंतुकों को अनूठा अहसास होगा। म्यूजियम में इंटरैक्टिव डिसप्ले यूनिट लगायी जाएगी, जिसके माध्यम से लोगों को ज्ञानवर्द्धक जानकारी परोसी जाएगी।
इस क्रम में अमीरूद्दौला लाइब्रेरी के सेटअप पर काम करते हुए लाइब्रेरी को अंतरराष्ट्रीय मानकों पर अपग्रेड किया जाएगा। लाइब्रेरी के इंट्री प्वाइंट को उच्चीकृत किया जाएगा, साथ ही लोगों का ध्यान आकर्षित करने के लिए वहां स्कल्पचर्स लगवाए जाएंगे। मण्डलायुक्त डॉ0 रोशन जैकब ने निर्देश दिये कि म्यूजियम को हेरिटेज लुक में डिजाइन किया जाए, जिससे कि लोग शहर की इस विरासत से जुड़ सकें। बैठक में सचिव विवेक श्रीवास्तव व मुख्य अभियंता नवनीत शर्मा समेत अन्य अधिकारी, अभियंता व आर्किटेक्ट उपस्थित रहे।